Last Updated: Tuesday, August 20, 2013, 15:42
चालू खाते में वृद्धि को रुपये की विनिमय दर में गिरावट का मुख्य कारण बताते हुए रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि घरेलू मुद्रा के कमजोर होने से ईंधन सब्सिडी बिल बढ़ेगा, तेल कंपनियों की कर्ज लौटाने की क्षमता प्रभावित होगी और राजकोषीय घाटे पर दबाव पड़ेगा।